यूनीवर्सिटी ऑफ़ मिशिगन

Dialogue DH:  दो भाई
by  कुसुम जैन

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बड़ा भाई :  राजू।  क्या माताजी मेरे बारे में पूछ रही थीं ?
       राजू :  हाँ।  बाज़ार जाने के लिए बैठी हैं।
बड़ा भाई :  क्यों
?  तुम क्यों नहीं चले गये ?
       राजू :  वो कह रही थीं कि आपके साथ जायेंगी।  आपको देर कैसे हुई ?
बड़ा भाई :  आज हॉकी का मैच था।
    राजू :  आपने मुझे क्यों नहीं बताया
?  मैं भी देखता।
बड़ा भाई :  अगर तुम्हें बता देता तो तुम स्कूल नहीं जाते।  छुट्टी मनाते।
    राजू :  कौन जीता
?  किस कॉलेज के साथ हुआ था ?
बड़ा भाई :  हम जीते।  औरर कौन जीतता।  रामजस कॉलेज के साथ हुआ था।  बड़ा मज़ा रहा।
    राजू :  तभी आज आप बहुत ख़ुश नज़र आ रहे हैं।  कितने से हराया
?
बड़ा भाई :  बुरी तरह हराया।  उन्हें एक भी गोल नहीं करने दिया।  आज तुमने क्या किया ?
       राजू :  मैंने भी मैच देखा।
बड़ा भाई :  कौन सा मैच
?
       राजू :  आपका मैच।
बड़ा भाई :  तुम्हें कैसे मालूम हुआ
?
       राजू :  आपके दोस्त मोहन से मालूम हुआ था।
बड़ा भाई :  तो क्या तुम आज स्कूल नहीं गये
?
       राजू :  गया था।  आधी छुट्टी में छुट्टी लेकर गया था।
बड़ा भाई :  तुम्हें छुट्टी कैसे मिली
?
       राजू :  मैं अच्छा खिलाड़ी जो हूँ।  अपने स्कूल को जिताऊँगा।  मास्टर जी ने मुझे छुट्टी दे दी
            मैच देखने के लिए।
बड़ा भाई :  खिलाड़ी तो बनने चले हो।  ज़रा पढ़ाई
-लिखाई पर भी ध्यान दिया करो।
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Posted 12 May 2001.