यूनीवर्सिटी ऑफ़ मिशिगन

Dialogue dt:  भोली भाली बातें
by  कुसुम जैन

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1. भगवान् का कसूर
         पात्र :  गुड्डू  ( तीन साल का लड़का,  राहुल  ( पाँच साल का लड़का )  औरर उनकी माँ ]
     माँ :  गुड्डू,  राहुल,  क्या हो रहा है ?
 गुड्डू :  माँ,  माँ,  राहुल कह रहा है कि भगवान् ऊपर आसमान में रहते हैं।  तुम बताओ भगवान्
         कहाँ रहते हैं।
   माँ :  बेटा
,  भगवान् सबके मन में रहते हैं।  अच्छा,  मुझे काम करने दो।  तुम दंगा न मचाओ।
 गुड्डू :  माँ
,  मेरे मन के अन्दर का भगवान् दंगा मचाता है।  मैं नहीं।  औरर तब तुम्हारे मन का
         भगवान् डाँट लगाता है।

2. शादी में रोना
         एक शादी में लड़की की विदाई के बाद सब घरवालों को रोता देख गुड्डू माँ से पूछता है। )
 गुड्डू :  माँ
,  ये सब रो क्यों रहे हैं ?
     माँ :  तुम्हारी शोभा आंटी अब सबको छोड़कर जा रही हैं न ?  इसलिए घरवालों को दुख हो रहा है।
         
गुड्डू भागा भागा अन्दर कमरे में जाता है जहाँ सब बहनें भाभियाँ उदास बैठी रो रही हैं
         औरर फटाक से कहता है
. . . )
 गुड्डू :  जब हमारी मम्मी की शादी होगी तब हम भी रोएँगे जी !
               ( सब रोना भूलकर हँसने लगते हैं। )
3. चोरी
 गुड्डू :  माँ,  चोरी क्या होती है ?
     माँ :  जब कोई किसी की चीज़ बिना पूछे लेता है।
 गुड्डू :  माँ
,  तो लोग पूछ कर क्यों नहीं ले लेते ?
4. इयरिंग्ज़
 गुड्डू :  माँ,  देखो,  मैंने तुम्हारी तस्वीर बनाई है।
   माँ :  बड़ी अच्छी है।  यह मेरे कानों में क्या बनाया है
?
 गुड्डू :  ये इयरिंग्ज़ हैं।  तुम्हें नहीं पता ?   कानों में जो इंग्ज़ पहनते हैं,  उन्हें इयरिंग्ज़ कहते हैं।
5. सच
 गुड्डू :  गुड़िया,  तू रोज़रोज़ मुझसे चीज़ें माँगती रहती है।  कभी चौक,  कभी रबड़,  कभी पैंसिल।
         अपने मम्मी पापा से क्यों नहीं माँगती
?
गुड़िया :  वो हर रोज़ कह देते हैं कि कल ले लेना।
 गुड्डू :  हाँ
,  सबके मम्मी पापा ऐसे ही बच्चों से झूठ बोलते हैं।
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Drafted 29-30 May 2001. Posted 31 May 2001.