यूनीवर्सिटी ऑफ़ मिशिगन
Dialogue dw: कुछ ऊँट
ऊँचा
by कुसुम जैन
To glossed version.
मीना : पपलू, टपलू, मिन्नी !
जो मैं बोलूँ
इसे जल्दी जल्दी बोलकर दिखाओ !
"
कुछ ऊँट ऊँचा कुछ पीठ
ऊँची कुछ ऊँची पीठ ऊँट की। "
पपलू : ( धीरे धीरे बोलता है। )
कुछ ऊँट ऊँचा
कुछ पीठ ऊँची कुछ
ऊँची पीठ
ऊँट की।
मीना : जल्दी जल्दी बोल ! तुम तो धीरे बोलकर भी ठीक
नहीं बोल पा रहे।
मिन्नी : दीदी ! मेरा
सुनो।
मीना : हाँ। थोड़ा औरर जल्दी कहनी
है। पीठी ऊँच - नहीं, " ऊँची
पीठ " बोलो।
टपलू : अब मेरा सुनो,
दीदी ! ( ठीक
से अदा करती है। )
मीना : शाबाश !
मिन्नी : अच्छा, अब कोई दूसरा बताओ।
मीना : कच्चा पापड़ - पक्का
पापड़ ! कच्चा पापड़
- पक्का पापड़ !
सब : एक औरर !
एक औरर !
मीना : चन्दू के चाचा
ने चन्दू की चाची को चाँदनी चौक
में चाँदनी रात में चाँदी के
चम्मच से
चटनी चटाई।
To glossed version.
To index of dialogues.
To index of मल्हार.
Drafted 4 June 2001. Posted 5 June 2001.