यूनिवर्सिटी
ऑफ़ मिशिगन
Exercise on मारे X के.
On the basis of the context, choose the more plausible of the two
alternants and translate.
Model: कोई छाती
पर हाथ रखकर कहता है, झुनिया, तरसा मत; कोई मुझे रसीली, नशीली नज़र से घूरता
है, मानो
मारे / प्रेम / /
नफ़रत / के बेहोश हो गया है,
कोई रुपए दिखाता
है, कोई
गहने। =>
(adapted from Chapter Five of गोदान. See context.)
कोई छाती पर हाथ रखकर कहता
है, झुनिया, तरसा मत; कोई मुझे रसीली, नशीली नज़र से घूरता
है, मानो
मारे प्रेम के बेहोश हो गया
है, कोई रुपए
दिखाता है, कोई
गहने।
'One puts his hand to his chest and says, "Jhuniya, don't torment me!'
Another gazes at me with lecherous, intoxicated eyes, as if out of his
mind with love. One offers money; another, jewelry.'
1. ख़त पढ़ते-पढ़ते हरदयालसिंह का चेहरा
मारे / ग़ुस्से
/ / डर / के लाल हो गया।
(from चन्द्रकान्ता 1.21.048)
2. / ग़ुस्से / / डर / के मारे चेहरा ज़र्द हो रहा
था . . .
(from चन्द्रकान्ता 2.16.049)
3. देवीसिंह मारे /
ग़ुस्से / / ग़म / के
दाँत पीसने लगे मगर कर ही क्या सकते थे
?
(from चन्द्रकान्ता 3.08.017)
4. जहाँ तक जल्दी हो सके
आप कुमारी को लेकर विजयगढ़ जायँ
क्योंकि इसकी माँ बेचारी मारे /
ग़म / / ख़ुशी / के
सूखकर काँटा हो रही होगी !
(from चन्द्रकान्ता 4.21.032)
5. आफ़त ख़ाँ की बात सुनकर
सब-के-सब मारे / ख़ुश्ी / / ग़म
/ के उछल पड़े।
(from चन्द्रकान्ता 4.11.042)
6. धनिया से तो जी जलता
था, " वह राँड़ तो
मारे / डर / / घमण्ड /
के धरती पर पाँव ही नहीं रखती। "
(from Chapter Twenty-nine of गोदान. See context.)
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Drafted 16-17 Jan 2001. Posted 18 Jan 2001. Repaired and IE
enabled 15 Jul 2004.