यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिशिगन

चिड़िया औरर चील,  a short story by  सुषम बेदी

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           ममी ने पिंजरे का किवाड़ खोल दिया औरर इंतज़ार करने लगीं कि चिड़िया वापस पिंजरे में लौट आये  ---  लेकिन चिड़िया लांग-जंप भरकर कभी रसोई की अलमारी की छत पर जा बैठती तो कभी खाने की मेज़ पर।  रसोई की खिड़की खुली थी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ ममी को डर हुआ कि चिड़िया कहीं बाहर न उड़ जाए.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ वे पिंजरे के पास हथेली में दाना लिये उसे पुकारने लगीं।  सहसा उन्हें रीढ़ में झुरझुरी-सी महसूस हुई.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ फरफराते पंखों पर ममी को कितनी ही तस्वीरें तिरती-सी दीखने लगीं  ---  झालरोंवाली फ़्रॉक में इठलाती नन्ही गुड़िया,  चटक रंगोंवाली बिकीनी पहने बीच पर गीली रेत में लोटती चिड़िया.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ हाँ,  यही तो था उसका नाम।  घर पर सब प्यार से उसे चिड़िया बुलाते थे।  चिड़िया की ही तरह तो दाना चुगती थी वह.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ चिड़िया की ही तरह चहचहाती थी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ तब पर नहीं निकले थे उसके कि फुर्राकर उड़ सके.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ बस डाल से डाल तक फुदका करती थी।  [5]  हिन्दुस्तान छोड़ने से पहले इन डालियों की कमी भी नहीं थी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ लगातार एक गोद से दूसरी गोद.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ
      
ममी उसे डॉक्टर बनाना चाहती थीं,  डैडी वकील।  दोनों ख़ुद भी डॉक्टर थे  ---  डैडी कार्डियोलोजिस्ट औरर ममी रेडियोलोजिस्ट।  न पैसों की कमी थी,  न प्रोत्साहन की।  ढाई साल की उम्र से ही इस अमरीकी शहर के सबसे बढ़िया प्राइवेट नर्सरी स्कूल में प्लास्टिक के अक्षरों औरर नंबरों को हाथ से महसूसती वह जल्दी ही उन्हें पहचान कर सबको अपनी प्रतिभा से प्रभावित करने लग गयी थी।  [10]  ममी जब भी पास होती,  बस यही सवाल पूछतीं  ---  स्कूल में क्या हुआ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ औरर स्कूल से लौटने पर.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ बेबीसिटर क्या सिफऱ् उसे टेलीविजन ही तो नहीं दिखाती रही ?  कुछ फ़ुरसत होती तो ममी कहतीं  ---  अच्छा,  वो वाली राईम सुना दो.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ   ' ट्विंकल-ट्विंकल लिटल स्टार '  .ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ ममी को खुश करने के लिए चिड़िया दुहराने लगती तो ममी ज़रूर कहती  --- " यू विल बी ए स्टार,  माई चाइल्ड !"
       "
यैस,  आई हैव टू.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ "
        " नहीं तो तुम्हारे स्कूल की फ़ीस कौन देगा ?"
       "
आई डोंट वांट टु गो टु स्कूल टुमारो !"  [15]
       "
दैट इज़ इंपॉसिबल.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ यू हैव टु गो टु स्कूल !"
       "
नो.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ वी गो टु पार्क। "
       "
संडे,  वी गो टु पार्क। "
       "
नो.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ टुडे !"  चिड़िया ज़िद करती।  [20]
       "
लेकिन अब तो शाम हो गयी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ अँधेरे में पार्क नहीं जाते। "
      
नर्सरी से किंडरगार्टन औरर फिर फ़स्र्ट गे्रड में पहुँच जाती है चिड़िया एक दिन।
       "
मॉम,  हू डू यू लव मोस्ट ?"
      
ममी उसे प्यार से दुलारती है,   " अपनी चिड़िया को !"
       "
नो,  दैट इज रांग.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ मिस बर्गर सेज़ एवरीवन लव्ज़ हिमसेल्फ़ मोस्ट.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ यू लव यूअरसेल्फ़ मोस्ट.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ नॉट मी !"  [25]  ममी अवाक् उसे देखती रहती हैं।
      
फिर एक दिन डिपार्टमेंटल स्टोर से बाहर निकलते ही वह पैसे माँगने लगती है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ कोई फटेहाल,  बेघर,  ग़रीब इन्सान पैसा माँगता है औरर चिड़िया उसे देना चाहती है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ ममी ने तब डाँट लगा दी थी,   " सब झूठमूठ की ग़रीबी है इस देश में.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ ड्रग खाकर पड़े रहते हैं औरर फिर आने-जानेवालों को तंग करते हैं.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ रहने दे,  कुछ नहीं देना इसको !"
      
चिड़िया बड़ी हो रही है।
       "
ममी,  कैन आई हैल्प इन द किचन ?"
       "
नहीं,  बिटिया.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ वह सब मैं ख़ुद सँभाल लूँगी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ तू जा पढ़.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ अपना होमवर्क ख़त्म कर ले,  फिर तेरी भरतनाट्यम की भी तो क्लास है आज,  उसका अभ्यास भी करना होगा वर्ना तेरी टीचर ग़ुस्सा करेगी। "  [30]
      
एक बार ममी बीमार पड़ जाती है।  चिड़िया कहती है,   " मैं स्कूल नहीं जाऊँगी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ घर पर कौन देखभाल करेगा तुम्हारी !"
       '
जा-जा,  मेरे बहाने से स्कूल मिस करने की कोई ज़रूरत नहीं।  ऐसी कोई बीमार नहीं कि मेरे लिए तुम पढ़ाई का हर्ज़ करो।  पढ़ना तुम्हारे लिए सबसे ज़्यादा इंपोर्टेंट है !"  [35]
       "
बस पढ़ो.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ पढ़ो.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ पढ़ो.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ इससे हटकर तुम कोई बात ही नहीं करतीं। "
       "
औरर क्या.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ इस देश में सफलता की यही कुंजी है।  तुमको अपने अमरीकी साथियों से बेहतर गे्रड्स लाने होंगे।  तभी तो तुम बढ़िया हाई स्कूल औरर फिर आईवी-लीग यूनिवर्सिटी में जा सकोगी।  एक बार किसी आईवी-लीग यूनिवर्सिटी में पहुँच गयीं,  तब तो हमेशा के लिए ज़िंदगी बन गयी समझो.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ तरक़्क़ी का हर रास्ता खुल जाता है,  तुम.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ "  सहसा ममी की कमर में तीखा दर्द उठा औरर वे बोलते-बोलते रुक गयीं [40]  चिड़िया ने ममी के चेहरे पर उभरती दर्द की छाप देखी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ पर वह रुकी नहीं,  उसे स्कूल पहुँचना था।
      
उस दिन चिड़िया एक टेलिफ़ोन नंबर रट रही थी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ ममी ने हैरान होकर पूछा तो वह पूरी कहानी सुनाने लगी,   " मॉम,  लिंडा की मॉम औरर डैड ने उसको इतना मारा कि वो मर ही गयी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ उसके मॉम-डैड को पुलिस पकड़कर ले गयी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ मिस जॉनसन कहती हैं कि ये टेलिफ़ोन नंबर चाइल्ड एब्यूस हैल्प का है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ अगर तुम्हारे मॉम या डैड तुमको मारें तो इस नंबर पर फ़ोन कर देना.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ फिर उनको भी पुलीस पकड़कर ले जायेगी।  अब तुम मुझ पर ग़ुस्सा करोगी न,  तो मैं पुलिस को फ़ोन कर दूँगी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ मॉम,  लिंडा अब कभी स्कूल नहीं आयेगी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ जब मर जाते हैं तो फिर कभी स्कूल नहीं जाते.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ "
      
ममी को लगा था उनके हाथ से कुछ बहुत क़ीमती फिसला जा रहा है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ बहुत चाहकर भी जिसे पकड़े रखना नामुमकिन हो रहा है।  कुछ घर से बाहर भी है जिस पर उनका अपना कोई बस नहीं.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ क्या ये समाज उनको भी कोई धमकी दे रहा है ?  [45]
      
ख़ैर,  पढ़ते-पढ़ते चिड़िया शहर के नामी हाई स्कूल में भी पहुँच गयी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ बड़ी मुश्किल से दाख़िला मिलता है इस स्कूल में.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ हज़ारों परीक्षा देते हैं लेकिन दाखिला दो-तीन सौ को ही मिलता है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ प्रतियोगिता से प्रताड़ित उन सैकड़ों छात्रों के बीच चिड़िया कुछ फिसलने लगी।  छमाही रिपार्ट कार्ड मिला तो ममी सकते की हालत में थी।
       "
यह बायोलाजी में तुझे  ' सी '  कैसे मिला ?"
       "
आई थिंक,  द टीचर डज़ नॉट लाइक मी !"
      
ममी उसके टीचर से मिली थीं.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ बायोलोजी की क्लास सुबह साढ़े आठ बजे होती थी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ टीचर ने ममी से कहा था,   " लगता है आपकी बेटी को पूरी नींद नहीं मिलती.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ मेरी क्लास में कुछ सुस्त औरर सोयी-सोयी-सी दीखती है। "  [50]
      
ममी शाम होते ही चिड़िया के पीछे पड़ जाती,   " टाईम मत वेस्ट कर.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ जल्दी सोना है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ तुझे तो हमने डॉक्टर बनाना है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ बायोलोजी में पिछड़ गयी तो काम कैसे चलेगा ?"
       "
पर ममी,  मैं जल्दी नहीं सो सकती.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ इंगलिश टीचर के लिए आज यह किताब पढ़कर बुक-रिपोर्ट लिखनी है "
      
ममी को समझ नहीं आता क्या करे  ---  कहे।
      
बायोलोजी में दुबारा नंबर कम आये तो ममी के हाथ-पैर ठंडे पड़ गये थे.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ फिर चिड़िया से सलाह करके एक झूठ गढ़कर टीचर को बताया गया था।   " टेस्टवाले दिन चिड़िया बीमार थी।  डर के मारे टेस्ट कर दिया.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ क्या अब दुबारा ले सकती हैं !"  [55]
      
डैड के प्रोत्साहन पर चिड़िया ने स्कूल की स्पीच-टीम में भी हिस्सा लिया है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ वकील के लिए पब्लिक-स्पीकिंग बहुत ज़रूरी होती है न !
      
आज शाम चिड़िया को कल सुबह होने वाले गणित के इम्तहान की तैयारी करनी है।  दोपहर के स्पीच टूर्नामेंट के लिए स्पीच को रट्टा लगाना है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ रात एक बजे तक चिड़िया जगी रही.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ सुबह बायोलोजी के पहले घंटे में वह फिर नींद के झूले ले रही थी।
      
शाम को डैड ने पूछा था कि स्पीच कैसी रही तो चिड़िया पुरस्कार न जीत पाने के अपराध-भाव को एक उदासीनता से ढककर बोली,   " आई डिड नॉट विन। "
       "
वॉय ?"  [60]
      
यूँ डैड ने विस्तार से जानने के लिए ऐसा पूछा था.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ पर चिड़िया का अपराध-भाव अब आक्रमण का आकार ले बैठा.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ भड़ककर बोली,   " वैल,  यू कांट विन ऐवरीटाईम !"
       चिड़िया को शांत करने के लिए डैड पूछ बैठे,   " तुम्हारी स्पीच का टॉपिक क्या था ?"
       " आई डोंट वांट टु रिपीट.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ यू कैन रीड इट यूअरसेल्फ़। "  लिखित भाषण की कॉपी चिड़िया ने डैड को पकड़ा दी।  डैड ने शीर्षक पढ़ा  ---   ' टीन एज सुइसाइड्स '  यानी  ' किशोर आत्महत्याएँ '  .ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ पहला पैराग्राफ़ इस तरह था कि इस देश में हर साल क़रीब दस हज़ार टीन एजर्ज़ आत्महत्या के शिकार होते हैं जिसकी वजह ड्रग,  इन्सिक्योरिटी,  डिप्रेशन औरर अकेलेपन के साथ-साथ  ---  ख़ासकर आवासियों के बीच इसकी वजह किशारों पर उनके माँ-बाप द्वारा बढ़ता हुआ दबाव है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ आवासी माँ-बाप अपनी ख्वाहिशों औरर अधूरे सपनों को अपनी औरलाद द्वारा पूरा करवाने के लिए इन किशारों को बदहवास घोड़ों की तरह चाबुक मार-मारकर चलवाए रखना चाहते हैं जिसका परिणाम बहुत भीषण होता है।  [65]  भौंचक्के भाव से डैड ने बार-बार वे पंक्तियाँ पढ़ीं।  उनको विश्वास ही नहीं हो रहा था कि जो वे पढ़ रहे हैं,  वह कुछ घंटे पहले उनकी बेटी एक भाषण में कह चुकी है।  सहसा वे ज़ोर से फटकारने लगे।
       "
यह सब क्या बकवास लिखी है ?"
      
अब की चिड़िया शांत रही।  [70]
       "
बकवास नहीं,  डैड.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ यूँ भी इस स्पीच के तथ्य एक जाने-माने शोधकर्ता के हैं.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ स्कूल में यूँ सबको स्पीच पसंद आयी थी। "
      
सहसा डैड एकदम चुप हो गये।  थोड़ी देर बाद पता नहीं क्या सोचते-सोचते बोले,   " क्या तुमको ऐसा लगता है कि हम तुम पर प्रेशर डाल रहे हैं ?"
       "
कभी-कभी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ पर यह मेरे अपने बारे में तो नहीं.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ यह तो.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ "
       "
ख़ैर,  अब मैं तुझे कुछ नहीं कहूँगा। "  [75]
      
लेकिन ममी को डैड के इस रुख़ पर ग़ुस्सा आ गया था,   " रहने दो,  तुम तो फ़ालतू में घबरा जाते हो !  हम ऐसे तो डॉक्टर नहीं बन गये.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ दिन-रात पढ़ते थे.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ घर के काम भी करते थे.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ इससे तो मैं कुछ भी कराती ही नहीं.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ कम-से-कम पढ़कर अपने-आप में कुछ बन जाना तो इसका फ़र्ज़ है !  हम अपने फ़ायदे की बात थोड़े ही करते हैं.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ देखो,  भरतनाट्यम भी छूट गया इसका.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ किसी भी काम के लिए वक़्त नहीं.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ तो वक़्त है किसलिए ?  ज़्यादा ही दिमाग़ बिगाड़ देते है यहाँ बच्चों का.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ माँ-बाप न हुए मानो दुश्मन हो बच्चों के.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ फ़ालतू में माँ-बाप में भी गिल्ट.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ "
      
मन-ही-मन ममी डर भी गयी थीं जैसे उन्हें कोई धमकी दे रहा हो।  [80]
      
लेकिन भूमिकाओं में अदला-बदली हो रही थी।  ममी-डैडी कुछ भी चिड़िया का नापसंद करते तो वह भड़क जाती,   " काम डाउन.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ आई विल डू इट माई ओन पसंद। "
      
बड़ी तेज़ी से ममी-डैडी उसकी ज़िंदगी में फ़ालतू औरर बेकार की चीज़ होते जा रहे थे.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ उसे ममी-डैडी की बातें,  उनके अनुभव अपने संदर्भ में एकदम इरैलेवेंट लगने लगे.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ उनमें एक औरर जीवन-शैली,  एक औरर संस्कृति की बू थी जिसे चिड़िया अपने लिए बहुत पिछड़ा औरर हानिप्रद भी समझने लग गयी थी।  ममी-डैडी के खिलाफ़ बोलते हुए उसकी आवाज़ में एक मसीहापन होता जैसे कि दुनिया भर के माँ-बापों के खिलाफ़ आंदोलन में वह किशोरों का नेतृत्व कर रही हो।  उसे विश्वास हो गया था कि उसके अपने औरर ज़्यादातर माँ-बाप बातें प्रजातंत्र की करते हैं पर होते तानाशाह हैं  [85]
       चिड़िया आईवी-लीग तो नहीं पर एक अच्छे कॉलेज में दाख़िला पा गयी थी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ होड़ यहाँ भी कम नहीं थी।
      
उधर अब चिड़िया के पर भी तो निकलने लगे थे.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ वह उड़ना चाहती थी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ घरौंदे से बाहर खुली हवा पर तैरना चाहती थी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ एक सहपाठी उसे अपनी ओर खींच रहा था.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ हवाओं पर साथ-साथ तैरने का आमंत्रण।
      
उसने सहपाठी से कहा,   " ममी को लड़कों से दोस्ती पसंद नहीं। "
      
सहपाठी बोला,   " ममी को कुछ बतलाने की ज़रूरत ही क्या है ?"
       "
लेकिन ममी को यूँ मैं सब कुछ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ "  [90]
      
उसने बात काटकर पूछा,   " कितने साल की हो ?"
       "
अठारह !"
       "
तो तुम वयस्क हो।  अब ममी की जेल से रिहा हो जाओ। "
       "
लेकिन.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ "  वह अभी भी घबरा रही थी। "  [95]
      
सहपाठी बोला,   " किसकी ज़िंदगी है यह ?"
       "
मेरी। "
       "
तो ममी ने जीना है इसे या तुमने ?"
      
घर पर चिड़िया ने ममी से कहा,   " मैं बोर्डिंग में रहना चाहती हूँ। "
       "
क्यों ?"  [100]
       "
इंडिपेंडेंटली रहूँगी। "
       "
अभी से ऐसी बात.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ पढ़ाई ख़त्म कर ले,  फिर शादी के बाद तो हमसे अलग रहना ही है। "
       "
लेकिन घर पर पढ़ाई ठीक से नहीं होती.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ "
       "
यहाँ घर पर भला तुझे कौन डिस्टर्ब करता है ?"
       "
क्या तुम समझ पाओगी कि अकेले रहने की भी एक ज़रूरत होती है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ कि माँ-बाप के साथ रहकर बच्चे का पूरा विकास नहीं होता.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ तुम्हारा ज़माना,  तुम्हारा देश बहुत फ़र्क़ था.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ क्या तुम्हें भरोसा नहीं होता कि मेरी दुनिया तुमसे बहुत अलग हो सकती है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ "  [105]
      
ममी नहीं मानी।  चिड़िया औरर ममी में आये दिन किच-किच होती।  चिड़िया की सहनशक्ति ख़त्म हो रही थी,   " आई डोंट अंडरस्टैंड.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ आई एम एन एडल्ट नाऊ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ तुम लोग मुझे मनमर्ज़ी से क्यों नहीं रहने देते !"
       "
जब खुद कमाने लगोगी तो रह लेना मनमर्ज़ी से.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ कुछ ज़्यादा ही पर निकल आये हैं तेरे !"
       "
मेरे कॉलेज की फ़ीस देती हो.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ मुझे खाने-पहनने को देती हो,  इतना ही रौब है न तुम्हारा.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ इसके लिए तुम मुझे ग़ुलाम बनाकर नहीं रख सकतीं !"  [110]
      
ममी को जैसे लकवा मार गया हो,   " कैसे कह गयी तू ये बात.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ बस यही नाता है तेरा-हमारा.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ बस इसीलिए टिकी है तू यहाँ कि औरर कोई तेरे कॉलेज की फ़ीस नहीं भरेगा.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ हमारा प्यार.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ हमारी क़द्र.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ हमारे साथ रहना अब ग़ुलामी लगती है तुझे.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ !"
      
अचानक चिड़िया डर गयी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ ये तो बतंगड़ बन गया.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ ममी को नाराज़ करके वह जायेगी कहाँ ?  .ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ अभी उसके परों में उड़ने की पूरी ताकत कहाँ है ?
       "
सॉरी,  मॉम !  .ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ आई डिड नॉट मीन टु हर्ट यू.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ आई लव यू !"  [115]  औरर ममी के जिगरे में फिर से वात्सल्य के दरिया बह निकले।
       "
देख बिटिया.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ हम जो कहते हैं तेरे भले के लिए ही.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ पहले पढ़-लिखकर अपने पैरों पर खड़ी हो जा,  फिर.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ "
       "
बस मॉम,  हो गया न भाषण शुरू !  .ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ जब भी मैं तुमको  ' आई लव यू '  कहती हूँ,  तुम इतनी  ' इंस्पायर्ड '  हो जाती हो कि बस कभी न रुकने वाली  ' स्पीच-रेन '  शुरू हो जाती है !"
       "
चल-चल,  मज़ाक ज़्यादा ही करना सीख गयी है !  [120]  ममी बनावटी ग़ुस्से से कहती है।
      
औरर उस शाम चिड़िया के लिए ख़ास पकवान बनते हैं.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ उसका पॉकेट-अलाउंस बढ़ा दिया जाता है औरर ममी उसे नया ड्रेस ख़रीदवाने के लिए ब्लूमिंगडेल्ज ले जाती है।
      
चिड़िया ने जब सारा क़िस्सा अपने सहपाठी से कहा तो वह बोला,   " तुम्हारी ममी बहुत लोनली औरर इन्सिक्योर हैं.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ तुमको खोने से डरती हैं.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ इसी से तुम्हें तरह-तरह की रिश्वत देकर पास रखना चाहती हैं !"
       "
तुम्हारा मतलब.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ ?"
       "
देखो,  माँ-बाप का भी अपना स्वार्थ होता है।  [125]  वे अपना पज़ेशन खोना नहीं चाहते.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ इसलिए हर तरीक़े से बच्चों.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ एडल्ट बच्चों को भी कब्ज़े में रखने की कोशिश रहती है उनकी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ अभी यह आसान भी है क्योंकि तुम उन पर पूरी तरह से डिपेंडेंट हो। "
      
चिड़िया आत्मदया से भर उठी,   " कैसी एग्जिस्टेन्स है हमारी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ कि अपने सरवाईवल तक के लिए दूसरों का मुँह जोहना पड़ता है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ मेरा उस घर में क़तई मन नहीं लगता.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ पर कहीं औरर रहने का ठिकाना भी तो नहीं.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ पता नहीं कब छुटकारा होगा। "
       "
हम दोनों अगर नौकरी कर लें तो कोई छोटी-सी जगह किराए पर लेकर साथ रह सकते हैं। "
       "
औरर पढ़ाई ?"
       "
पढ़ाई साथ-साथ चलती रहेगी। "  [130]
      
औरर चिड़िया अपने घरौंदे से उड़कर आ गयी।   एक छोटी-सी नौकरी कर ली।  डॉक्टर-वकील बनने के सपने तो यूँ भी उसने नहीं,  उसके मॉम-डैड ने देखे थे।  क़ुद वह ऐसा कुछ करना चाहती थी जिससे एकदम मशहूर हो जाए.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ पर अभी उसके दिमाग़ में साफ़ नहीं था कि क्या करने से वह फटाफट नाम औरर शोहरत पा सकती है।  कभी-कभी वह फ़ल्मि बनाने की सोचती.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ पर अभी न पैसा था,  न ट्रेनिंग,  न ही स्पष्ट विचार या विषय.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ लेकिन महत्त्वाकांक्षा थी औरर दम था.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ भीतर एक अकुलाहट-सी बनी रहती.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ उसका सहपाठी सादा ज़िंदगी जीने में विश्वास रखता था.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ एकदम मिनिमलिस्ट.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ कम-से-कम चीज़ों के साथ गुज़ारा करना.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ मिट्टी से जुड़ी ज़िंदगी की ओर लौटना.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ लेकिन इस नयी आत्मनिर्भर ज़िंदगी का अपना ही सुख था।  [135]  चिड़िया पूरी तरह से अपनी नयी दुनिया में मस्त हो गयी।  हर दिन आर्ट-हिस्ट्री के नये-नये कोर्स औरर किताबें पढ़ते हुए,  नये-नये लोगों से मिलते औरर नये घर का दायित्व निबाहते हुए वह मॉम-डैड को भूल-सी गयी।  कम-से-कम नये जीवन में उसे कहीं भी उनका संदर्भ नहीं दीखा।
      
एक बार ममी बहुत बीमार हो गयी थीं.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ उनका ऑपरेशन होना था।  डैड का फ़ोन आया था पर चिड़िया को बहुत पढ़ाई करनी थी।  [140]  तब ममी ने हिन्दुस्तान से मौसी को बुलवाया था अपनी देखभाल के लिए।
      
मौसी ने दिन-रात ममी की तीमारदारी में लगा दिया था पर चिड़िया के रुख़ से वे बहुत ख़फ़ा थीं.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ वे ममी से कहतीं,   " तुम तो अपनी बेटी से डरती हो,  कुछ कहती ही नहीं।  मेरी बेटी इस तरह करे तो उसकी टाँगें तोड़कर न धर दूँ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ इतनी आज़ादी आख़िर क्यों ?  कुछ मक़सद भी तो होना चाहिए न !"  ममी सुनती रहतीं औरर मौसी कहती जातीं।  [145]
       "
दर-असल तुमको बच्चे पालना आता नहीं.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ यहाँ आज़ादी के बोल बोले,  उसकी चर्चा औरर नारों से इतना आतंकित हो जाते हो कि बच्चों को अनुशासित भी नहीं करते.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ तभी ये बच्चे न हिन्दुस्तानी रह पाते हैं,  न अमरीकी। "
      
ममी निरीह भाव से कहती,   " जवानी का जोश है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ मेरी बात तो सुनती ही नहीं। "
v       
मौसी को औरर भी तरह मिल जाती,   " वह कौन-सा जानवर होता  ---  हाँ,  सर्पिणी अपने अंडों को ख़ुद ही खा जाती है न.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ पर कभी सुना है ऐसा शिशु जो अपने पैदा करने वाले को खा डाले.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ "
       "
यह कैसी बात कह रही हो तुम.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ चिड़िया भोली है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ उम्र के साथ माँ-बाप के दिल को समझने-पहचानने लगेगी। "
       "
औरर नहीं तो अपने सहपाठी के साथ शादी कर ले जिसके साथ रह रही है।  [150]  कम से कम तुम्हारी मुक्ति तो हो। "
      
उधर कई सालों तक चलने वाले अस्थायी रैन-बसेरे में अब चिड़िया की सहपाठी से नोक-झोंक होने लगी।  तंगी की उस ज़िंदगी से चिड़िया तंग आने लगी थी।  दोनों एक-दूसरे से कुछ ऊबने-से भी लगे।  शादी की बात उठी तो सहपाठी बोला,   " आई बिलीव इन कमिटमेंट ऑफ़ हार्ट्स.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ शादी तो आदमी तब करे जबकि सामाजिक स्वीकृति कुछ मायने रखती हो.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ "  [155]
      
जल्द ही उसके दिल की कमिटमेंट किसी औरर से हो गयी।
      
मौसी के बहुत समझाने पर ममी-डैडी चिड़िया को छुट्टी मनाने के बहाने हिन्दुस्तान ले गये.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ वहाँ उसे शादी लायक़ कई लड़के दिखाए गये।  चिड़िया ने ममी से कहा,   " ये कैसा खिलवाड़ कर रहे हो तुम लोग.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ जिसे न जानती,  न बूझती,  उसके साथ ज़िंदगी बिताऊँगी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ !  क्या बेवकूफ़ समझ रखा है तुमने मुझे.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ यह नहीं होगा !"
      
अमरीका लौटकर चिड़िया को नये सिरे से घोंसला खोजना था।  [160]  अपनी छोटी-सी तनख़्वाह में कोठरी का किराया,  खाना-पीना औरर दूसरे ख़र्च नहीं चला सकती।  पहले सहपाठी के साथ सब कुछ शेयर करती थी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ अकेले बूते मुश्किल था।  दूसरे सहसा सहपाठी से अलग होकर उसने यह भी महसूस किया कि वह ख़ामक़ाह अपने आपको मॉम-डैड के घर के वैभवपूर्ण माहौल से वंचित कर रही थी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ अकेले रहने से उसका स्तर बहुत ज़्यादा गिर जाता था.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ ऐसी हालत में तो उसकी महत्त्वाकांक्षा,  उसका फ़ल्मि बनाने का सपना कभी भी पूरा न होगा।
      
औरर चिड़िया अपना तिनका भर सामान लेकर ममी-डैडी के घर आ गयी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ हमेशा की तरह ममी ने अपना सब कुछ उसके लिए बिछा दिया था।  चिड़िया को दिनों बाद बहुत चैन औरर राहत मिली।  [165]
      
लेकिन बहुत जल्द घर में तनाव शुरू हो गये।  दर-असल चिड़िया वहाँ रहते हुए भी रह नहीं रही थी।  बस रैन भर के बसेरे की ही बात थी।  औरर अगर दिन में घर पर होती भी तो अपना कमरा बंद किए पड़ी रहती.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ ममी के मिलने वाले आते तो लाख मिन्नत करने पर मुश्किल से वह उन्हें  ' हैलो '  करने बाहर आती,  फिर मिनट भर में वापस लौट किवाड़ बन्द कर लेती।  ज़्यादातर उसे खाने की भी भूख नहीं होती थी।  [170]  शायद डायटिंग के चक्कर में या फिर घरवालों से बचने का बहाना होता।
      
ममी अब उसे घर रखने के बजाय घर से निकालने के चक्कर में थी।  दिन-रात एक ही सवाल,   " तू शादी क्यों नहीं करती ?"
      
चिड़िया सोचती है वह ममी-डैडी की अकेली संतान है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ इस घर पर उसी का हक़ है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ अगर वह यहीं रहती रहे तो ग़लत क्या है !
      
मौसी का दूसरा चक्कर लगा तो फिर ममी से कहने लगीं,   " बहुत बिगाड़ा हुआ है तुमने लड़की को.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ तीस से तो ऊपर हो गयी,  शादी कब करेगी ?"  [175]
       चिड़िया बिगड़ उठती है,   " आपकी आँखो में भला मैं क्यों खटकती हूँ ?  आख़िर मेरा घर है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ शादी करूँ या न.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ जब तक चाहूँगी,  यहीं रहूँगी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ आख़िर मेरे मां-बाप हैं,  आपको क्या !"
      
मौसी भी ग़ुस्से से बोली,   " बड़े स्वार्थी बच्चे हैं आजकल के !  माँ-बाप पर अपने हक़ को तो ख़ूब समझते हैं,  पर उनके लिए कुछ करने का कोई भाव नहीं.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ बस जब मन आया चले आये,  इस्तेमाल किया औरर फिर उड़ गये अपने ठिकाने को.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ कम-से-कम माँ-बाप की ख़ुशी के लिए ही शादी कर लो.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ "
      
अब के ममी बीच में पड़ती हैं,   " रहने दो,  शीला !  [180]  .ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ आख़िर बच्ची है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ इसके घर आ जाने से रौनक आ जाती है वर्ना ज़िंदगी मे अब ज़्यादा है ही क्या ?"
      
लेकिन उस रौनक के बीच अंदर ही अंदर ममी को कुछ सालता रहता है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ बत्तीस बरस की लड़की के घर लौटने पर वह ख़ुश हो या रोये.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ वह यह भी जानती है कि चिड़िया किसी भी पल उड़ने की फ़रिाक़ में है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ यह घर उसके लिए ऐसी सराय है जिसने उसे मुफ़्त पनाह दी हुई है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ क्या सच में ममी का इस्तेमाल किया जा रहा है ?  चिड़िया को तो इस घर में किसी से कोई सरोकार नहीं.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ सुबह-सुबह काम पर निकल जाती है औरर देर रात गये घर लौटती है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ पता नहीं मौसी के कहने का बुरा मान गयी या क्या.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ अब तो किसी दोस्त या रिश्तेदार के आने पर  ' हैलो '  कहने अपने कमरे से नीचे तक नहीं उतरती।  घर सच में सराय था।
      
फिर ममी सोचती है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ सारी उम्र तो उसने चिड़िया को कोई ज़िम्मेदारी नहीं दी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ सिफऱ् लाड़-प्यार दिया.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ अब भला वह ज़िम्मेदारी निभाने के क़ाबिल कैसे हो.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ ?  [185]  कभी दूसरों के लिए कुछ करने को कहा-सिखाया नहीं.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ तब चिड़िया कैसे जाने.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ औरर उदास मन से ममी ने मान लिया कि क़ुसूर उन्हीं का है।
      
अब चिड़िया को दाना-पानी की या आशियाने की फ़क्रि करने की ज़रूरत नहीं थी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ सारी सुख-सुविधाएं मुहय्या थीं.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ अगर इनकी एवज़ में कभी ममी का उपदेश सुनना पड़ जाता तो वह कानों में वाकमैन के इयर-प्लग खोंसकर पॉप-संगीत सुनने लग जाती।
      
अव वह फिर से फ़ल्मि बनाने के सपने देखने लगी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ नौकरी से अब कुछ पैसा बच रहा था पर वह काफ़ी नहीं था.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ औरर फिर ममी-डैडी का पैसा भी तो आख़िर उनकी चिड़िया का ही है।
      
उसने ममी से कहा,   " मैं फ़ल्मि बनाना चाहती हूँ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ पैसा लगाओगी ?"
      
तो चिड़िया को अभी ममी-डैडी के सहारे की ज़रूरत थी !  [190]  क्या ममी की परवरिश ने ही इतना कमज़ोर बना दिया कि चिड़िया अधूरी-सी फुदकन भरकर फिर से माँ के घोंसले में आ गिरी है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ ?  क्या अभी उड़ना नहीं सीखा उसने.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ ?  कभी सीख पाएगी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ ?  जब पर निकलने को हुए थे,  तभी क्या ठीक से उड़ने देना चाहिए था.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ कहाँ,  क्या ग़लत हो गया उनसे.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ चिड़िया की बाँहों से जैसे नये पंख निकालना चाहते हुए ममी ने कहा,   " तू जो चाहती है कर.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ बस एक बार अपने पैरों पर खड़ी हो जा.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ तेरे होने से घर में सब कुछ चहक उठा है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ पर दूर पहाड़ों से,  हवाओं से औरर बादलों से फिसलकर आती चहचहाहट शायद कहीं ज़्यादा मीठी सुनाई पड़ती है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ चिड़िया तो आकाश में उड़ती हुई ही सबसे ज़्यादा प्यारी औरर मोहक लगती है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ "
      
चिड़िया अभी ममी की पूरी बात समझ भी नहीं पायी थी कि अचानक ममी को कुछ ध्यान हो आया औरर वह बोलीं,   " तेरे डैडी नाराज़ तो नहीं होंगे.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ कहते हैं उसे मन-माँगा देकर बिगाड़ रही हो। "  [195]
       चिड़िया कड़की,   " ठीक है,  रख लो सँभालकर.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ चिता पर धरकर साथ ले जाना.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ जीते-जी मुझे  ' डिप्राईव '  करके सुख मिलता है तो लो.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ मैं भी तुम दोनों के मरने का इंतज़ार कर लूँगी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ माँ-बाप भी पता नहीं किस बात के बदले लेते रहते हैं.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ ट्रस्ट को पैसा दे देंगे,  अपनी औरलाद को नहीं.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ पैदा करने का यह मतलब तो नहीं कि सारी उम्र उन्हें दबोचकर कोख में ही रख लिया जाए.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ "
      
सहसा ममी ने देखा.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ चिड़िया वहाँ नहीं थी।  शायद रसोई की खिड़की से बाहर चली गयी थी।  ममी घबराकर बाहर की ओर दौड़ी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ बाहर सिफऱ् एक बड़ी चील आसमान को गिरफ़्तार किए हुए थी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ ममी बदहवास चिड़िया को खोजने लगी।  चिड़िया कहीं नहीं थी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ अचनक ममी को लगा उन्हें कुछ भ्रम-सा हो रहा है.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ शायद कोई चील वहाँ नहीं थी.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ या शायद चील चिड़िया को उगल दे.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ.ाम्प्ऌ औरर आसमान पर आँखें टिकाए वह चिड़िया के लौटने का इंतज़ार करने लगीं।
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Keyed in by  विवेक अगरवाल 1 - 4 Mar 2002. Posted 6 Mar 2002. Proofread and corrected 15-16 June 2002 and 28 Feb 2003. More links March 2003.